दिन जल्दी से

दिन जल्दी से


नंदन पंडित नंदन पंडित

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कर्मण्येवाधिकारस्ते.. हमें सदैव कर्म करते रहना चाहिए। जीवन विश्राम का नाम नहीं, यह तो सतत् नदी का प्रवाह है। जिस प्रकार रुक जाने...More
Poem
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सृजक हूँ रचता रहता हूँ महल शब्दों का गढ़ करके ढहाता, ढहता रहता हूँ

Publish Date : 27 May 2022

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