होली

Summary

बैर-द्वेष का दहन करें अब स्नेह की बाँसुरी बजाते हुये अहंकार की होली जलाऎं सब आओ सब मिलजुल कर खेले रंगों का जो है, ये अदभुत त्यौहार
Poem

Publish Date : 06 Mar 2023

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