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बुलावा

बुलावा


भरत (राज) भरत (राज)

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तुझे कहा गुरूर है अब अपने आप पर, तू तो मसगुल है शिकायतों में, अब कहा है वो तेरा शरारती स्वभाव, जब से बैठी है पहन रखी है तूने खामोशी...More
Poem Romance Story

Publish Date : 26 Aug 2024

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