Mithilesh Joshi - (08 September 2024)Esa lagta hai ki kaviraj ki kalam aaj sab ke man ki baate likh rahi hai.
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Meera Parihar - (08 September 2024)सचमुच भीष्म से उनके व्यक्तित्व के अनुरूप कभी भी यह अपेक्षा नहीं थी कि वे चीर हरण के वक्त शांत बने रहेंगे या राजधर्म का हवाला देंगे। राज तो सभी कौरव देख ही रहे थे।
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Pradeep Shukla - (07 September 2024)👌👏यह कविता जीवन की अनिवार्य पीड़ा और अंतहीन संघर्षों की गहराई को बेहद प्रभावशाली ढंग से व्यक्त करती है।
बहुत सुंदर रचना, जीवन की गहन सच्चाइयों को छू लेने वाली!