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असंभव

असंभव


भरत (राज) भरत (राज)

Summary

तेरे मिलने से लेकर यादों तक के सफर में, दूरियां ही दूरियां है मुझसे, एक तेरा आना असंभव। अब खव्वाबो के खयाल से, तड़पती रूह के भय से, मिलने...More
Poem Romance Story

Publish Date : 30 Aug 2024

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