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मैं अपने आप से

मैं अपने आप से


भरत (राज) भरत (राज)

Summary

मैं कभी कभी कोशिश करता, अपने आप से रूबरू होने की, सवालों पर सवाल भी पूछ लेता, अपने जमीर के घायल टुकड़े को। दर्द जो तूने,सागर जितना पाला...More
Poem Romance Story

Publish Date : 03 Sep 2024

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