शीर्षक :- आदिशक्ति
कृपासिंधु करूणामई अम्बे महिमा तेरी गाऊँ
दरश दिखा दे मुझको कब से आवाज लगाऊँ,
तुम आदि शक्ति माँ सब को तू देती है मुक्ति
दिन रैन कष्ट पड़े कोई मैं पास तेरे ही आऊँ,
न चाह कोई अब मईया धाम तेरे ही बस जाऊँ
जग से मोह न मुझको निशदिन शीश झुकाऊँ,
ज्ञानमय सेवा का अब मौका दे मुझको अंबा
भक्तिभाव से मगन होकर सेवा मैं कर पाऊँ,
सुख से सुंदर नाता रख मेरे हर्षित जीवन की
चिंतन हो अब तेरे चरणों की धूलि बन जाऊँ,
माँ तुम बालक मैं हर जन्म गोद तेरा ही पाऊँ
तेरी ममता की छांव तले सारा जीवन बिताऊँ,
तरसा ना अब माता दुख भंजन झट आजा ना
सांसो की माला जपती तुझको मैं कैसे मनाऊँ,
दिन भर से द्वार खड़ी मैया धूप दीप जलाऊँ
तू दर्शन दे दे मुझको कबसे आवाज लगाऊँ।
*उषा श्रीवास वत्स*