मैं निवेदिता सिन्हा , मुझे लेखन की अलग विधा में लिखना पसंद है । साथ ही चित्रकला के विभिन्न आयाम से जुड़ी हूँ चित्रकला की कक्षा भी अपने निवास स्थल पर चलाती हूँ । साथ ही मुझे बागवानी बेहद पसन्द है । अपने स्तर पर समाज सेवा भी करती हूँ ।
मैं निवेदिता सिन्हा , मुझे लेखन की अलग विधा में लिखना पसंद है । साथ ही चित्रकला के विभिन्न आयाम से जुड़ी हूँ चित्रकला की कक्षा भी अपने निवास स्थल पर चलाती हूँ । साथ ही मुझे बागवानी बेहद पसन्द है । अपने स्तर पर समाज सेवा भी करती हूँ ।
Book Summary
# विधा कविता
# शीर्षक राधा रानी
कृष्णा की प्रिय राधा रानी ।
जग की सबसे , अमर तुम्हारी प्रेम कहानी !
जन्मदिन मनाया जाता तुम्हारा दिवस " राधा अष्टमी " ।
प्रेम तुम्हार अजब अनोखा ।
जिसे तुमने तन-मन से चाहा ।
छोड़ चला गया कान्हा पलट फिर न देखा ।
पर पवित्र पावन प्रेम तुम्हारा ।
कोई किसी भी युग न तुम सा दिखा ।
हर मंदिर में राधा कृष्ण की मूरत ही दिखा ।
तेरी प्रेम गाथा लिखनें हेतु असमर्थ निवेदिता ।
तेरे नि:स्वार्थ प्रेम की अमिट अद्भूत प्रेम कथा ।
कान्हा की याद में गुजारी सारी जिन्दगी ।
कृष्ण राधा संग रहे भी नहीं ,
राधा पुकारे तो कान्हा भी नजर आते वही ।
आज भी सारी दुनियाँ राधा कृष्णा की प्रेम दिवानी ।
आज भी जिसके नाम से छलक आए आँखों में पानी ।
भक्ति भाव से परिपूर्ण अमर ये निश्छल प्रेम कहानी ॥
निवेदिता सिन्हा