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मै सिर्फ तुम्हारा हूं

मै सिर्फ तुम्हारा हूं


भरत (राज) भरत (राज)

Summary

सुनसान गलियों में, दर्द के सागर में , तन्हाइयों की हवा में, बारिश की बूंदों में, मै सिर्फ तुम्हारा हूं। तरसते नयनों में, दिलों के...More
Poem Romance Story

Publish Date : 17 Sep 2024

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