Onkarlal Patle - (25 May 2025)बहुत ही प्रभावशाली प्रस्तुति !
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शिखा गोस्वामी - (25 May 2025)बिलकुल सत्य आदरणीया,, स्त्री भी इंसान है और उसे भी तकलीफ होती हैं। लेकिन कभी कुछ नही कहती, बस सहती रहती है क्युकी बचपन से उसे यही सिखाया जाता हैं कि स्त्री को सहना ही पढ़ता है।
रीमा महेंद्र ठाकुर , वरिष्ठ लेखक साहित्य संपादक राणापुर झाबुआ मध्यप्रदेश भारत "
मै एक लेखक हूं,मुझे हर विधा पर लिखना अच्छा लगता है,मुझे सबसे ज्यादा, स्वतत्रंता पसंद है, मुझे सबके चेहरे पर मुस्कान बहुत पंसद है"""जियो और जीने दो""
रीमा महेंद्र ठाकुर
रीमा महेंद्र ठाकुर , वरिष्ठ लेखक साहित्य संपादक राणापुर झाबुआ मध्यप्रदेश भारत "
मै एक लेखक हूं,मुझे हर विधा पर लिखना अच्छा लगता है,मुझे सबसे ज्यादा, स्वतत्रंता पसंद है, मुझे सबके चेहरे पर मुस्कान बहुत पंसद है"""जियो और जीने दो""
रीमा महेंद्र ठाकुर