मेरे बच्चे

मेरे बच्चे


Rachana Khare Rachana Khare

Summary

किशोरवयीन बच्चों में आत्महत्या की बढ़ती संख्या से द्रवित मन माता पिता की मनोदशा को बयां करती हुई कविता
Poem
Reeta Khare - (01 May 2025) 5
भावावेश में बच्चे कदम उठा लेते हैं। मां बाप को जिंदगी भर घुट घुट कर जीने को छोड़ देते हैं । काश बच्चे हर बात शेयर कर पाते तो यह काश ही ना रहता । मार्मिक अभिव्यक्ति

0 0

आशीष कुमार त्रिवेदी - (01 May 2025) 5
सुंदर अभिव्यक्ति जीवन में कई बार सिर्फ काश रह जाता है। समय पर हम संवाद स्थापित नहीं कर पाते हैं। बाद में पछतावा ही रह जाता है।

0 0

Dilip Karpe - (01 May 2025) 3
भावुक अभिव्यक्ति

0 0

SABIRKHAN PATHAN - (01 May 2025) 5
दिल को झकझोर कर रख देती है यह रचना

0 0

M.S. Suthar - (01 May 2025) 5
बेहद खूबसूरत मार्मिक चित्रण

0 0

डा संगीता अग्रवाल - (01 May 2025) 5
दिल की गहराइयों से निकला दिल को छूता हर शब्द👍

0 0

ऋचा दीपक कर्पे - (01 May 2025) 5
बहुत ही मार्मिक......

0 0


Publish Date : 01 May 2025

Reading Time :


Free


Reviews : 7

People read : 15

Added to wish list : 0