Kiran Kumar Pandey - (17 July 2025)रोजगार की आस में भटकने को मजबूर पुरुष वर्ग अपनी पारिवारिक जिम्मेदारियां निभाने में असमर्थ है ! ऐसे में आपकी यह रचना ग्रामीण अंचल की तस्वीर के साथ -२ अपने घरों से दूर पहुंचे लोगों से मिलने की आस में उनके अपनों की विरह वेदना का सचित्र चित्रण करके आपने अपनी जिम्मेदारी निभाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है ! इसके लिए आपको बहुत बहुत धन्यवाद 🙏🙏