Suresh Chaudhary - (20 June 2025)काफी अच्छा प्रयास। वक्त को रोकने की या बहती धार को रोकने की हैं ताकत हमारे पास कहां वक्त की मार से उदास है जहां फिर भी हम बात कर लेते हैं अपने मन को हल्का कर लेते हैं, एक दिन इस जहां को विदा कह जायेंगे वक्त की धारा में औरों की तरह बह जायेंगे।