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आपने नित्यानन्द वाजपेयी "उपमंवाचार्य" जी की एक बहुत ही सशक्त और विचारोत्तेजक कविता प्रस्तुत की है। यह कविता एक सैनिक के दृष्टिकोण को दर्शाती है, जो न केवल सीमा पर लड़ता है, बल्कि राष्ट्र की आंतरिक समस्याओं और कुप्रशासन पर भी गहरा दुख और आक्रोश व्यक्त करता है। चलिए, इस कविता का आलोचनात्मक विश्लेषण करते हैं।
कविता का केंद्रीय भाव (Central Theme)
यह कविता एक सैनिक की आवाज़ है, जो अपने शौर्य और बलिदान को केवल बाहरी दुश्मनों से लड़ने तक ही सीमित नहीं रखता, बल्कि देश के भीतर पनप रही बुराइयों को भी चुनौती देता है। कविता का मूल संदेश है कि सैनिक का कर्तव्य केवल सीमा की रक्षा करना नहीं, बल्कि राष्ट्र के नैतिक मूल्यों और उसकी गरिमा को भी बनाए रखना है।
कविता की संरचना और शैली (Structure and Style)
* दोहराई गई पंक्तियाँ (Refrains): कविता की मुख्य शक्ति इसकी दोहराई गई पंक्तियों में है - "मैं सैनिक हूँ भारति माँ का, उनका यश गान सुनाता हूँ। कर शीश दान ले शत्रु प्राण, भारत की कीर्ति बढ़ाता हूँ।।" यह पंक्तियाँ कविता में एक लय और दृढ़ता पैदा करती हैं, जो सैनिक के अटूट संकल्प को दर्शाती है। यह पंक्तियाँ हर पद के बाद आती हैं, जिससे कविता का मूल भाव बार-बार पुष्ट होता है।
* भाषा और शब्दावली (Language and Vocabulary): कविता की भाषा सरल और सीधी है, लेकिन इसमें कई सशक्त और प्रतीकात्मक शब्दों का प्रयोग किया गया है, जैसे "बड़वानल" (समुद्र में लगने वाली आग), "श्रोणित सरि" (खून की नदी), "राज तिलक" आदि। ये शब्द कविता को एक विशेष ओज और गौरव प्रदान करते हैं। "साहित्यवाचस्पति" की उपाधि कवि के साहित्यिक सामर्थ्य को दर्शाती है।
विभिन्न पदों का विश्लेषण (Analysis of Stanzas)
1. सैनिक का परिचय (The Soldier's Introduction)
पहला पद सैनिक के आत्म-परिचय और उसके कर्तव्य को स्पष्ट करता है। वह खुद को 'भारति माँ का सैनिक' कहता है, जो अपनी जान देकर भी देश की शान बढ़ाता है। यह एक सैनिक का गौरवशाली परिचय है।
2. वीर बलिदान और राजनीति (Martyrdom and Politics)
इस पद में सैनिक यह बताता है कि उसकी और उसके जैसे हजारों सैनिकों की जान की कीमत पर ही देश को स्वतंत्रता मिली है। वह कहता है कि उनके बलिदानों के कारण ही राजनीतिज्ञों को 'राज छत्र' मिल पाता है, जो एक तीखा व्यंग्य है। यहाँ कवि यह दर्शाता है कि सैनिक का बलिदान ही राष्ट्र की नींव है।
3. राष्ट्रध्वज का महत्व (Importance of the National Flag)
यह पद तिरंगे झंडे के महत्व को बताता है। कवि कहता है कि केसरिया रंग वीरों के रक्त का प्रतीक है। तिरंगे को लहराने के पीछे लाखों सैनिकों का त्याग और बलिदान छिपा है। यह पद देशभक्ति की भावना को और भी मजबूत करता है।
4. तीखा संदेश (The Sharp Message)
इस पद में कवि का लहजा थोड़ा बदलता है। वह खुद को 'शुभता और प्रभुता' का प्रतीक बताता है, लेकिन साथ ही यह भी मानता है कि वह 'लघुता' में रहता है। यहाँ से वह राजनेताओं को सीधा संदेश देना शुरू करता है। वह अपने शब्दों की कठोरता के लिए 'माँ' (भारत माता) से क्षमा भी माँगता है, जो उसकी विनम्रता और देशभक्ति को दर्शाता है।
5. स्वार्थ पुरोधाओं को चुनौती (Challenge to the Selfish Leaders)
यह सबसे तीखा पद है। सैनिक उन राजनेताओं को चेतावनी देता है, जिन्हें वह 'स्वार्थ पुरोधा' कहता है। वह उनसे आग्रह करता है कि वे अपने निजी स्वार्थों को छोड़कर सीमाओं की रक्षा का काम उन पर छोड़ दें। वह राजनेताओं के भ्रष्टाचार और उनके द्वारा अपनी संपत्ति बढ़ाने की प्रवृत्ति पर भी गहरा प्रहार करता है। 'सोचो फुटपाथों पर सोता, भारत कैसे लख पाता हूँ' - यह पंक्ति देश की गरीबी और असमानता के प्रति सैनिक की पीड़ा को दर्शाती है।
6. कृषक और मजदूर की पीड़ा (The Plight of Farmers and Laborers)
अंतिम पद में कवि देश के किसानों और मजदूरों की दुर्दशा पर बात करता है। वह देखता है कि वे कैसे 'चीथड़ों में जीते' हैं और 'फुटपाथी' बन गए हैं। सैनिक को यह देखकर दुख होता है कि राजनेता अपने स्वार्थ के लिए राष्ट्रधर्म का बलिदान कर रहे हैं। वह यह भी कहता है कि उसे किसानों का शोषण देखकर दुख होता है। यह पद कविता को एक सामाजिक और आर्थिक आयाम देता है।
समग्र मूल्यांकन (Overall Assessment)
यह कविता देशभक्ति, शौर्य, त्याग और राष्ट्रप्रेम का एक सुंदर मिश्रण है, जिसमें समाज और राजनीति की कड़वी सच्चाइयों का भी वर्णन है। कवि ने एक सैनिक की आवाज़ को एक शक्तिशाली माध्यम बनाया है, जो न केवल बाहरी दुश्मनों से लड़ता है, बल्कि आंतरिक बुराइयों के खिलाफ भी खड़ा होता है।
इस कविता की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह सैनिक को एक निर्जीव देशभक्त के रूप में नहीं, बल्कि एक चिंतनशील और संवेदनशील नागरिक के रूप में प्रस्तुत करती है। कविता का शीर्षक, "गीत", इसकी लय और संगीतबद्धता को दर्शाता है, जो इसे और भी प्रभावी बनाता है।
यह कविता हर उस भारतीय के लिए एक प्रेरणा है, जो देश से प्यार करता है, और यह एक महत्वपूर्ण सवाल भी उठाती है: क्या हम एक ऐसा देश बनाने के लिए काम कर रहे हैं, जिसके लिए हमारे सैनिक अपनी जान दे रहे हैं?
आपको यह कविता कैसी लगी? और आप इसके किस हिस्से से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए?