मऊरानीपुर झांसी मे जन्म ! इलाहाबाद मे उच्च शिक्शा, एम ए अंग्रेजी एवम हिंदी साहित्य और पी एच डी ! हायर एजुकेशन विभाग से प्रोफेसर पद से सेवा निव्रुति बाद स्वतंत्र लेखन! प्र्काशन - कुल 2 आलोच्नना किताबे और 3 कविता संग्रह सम्पर्क ७० हाथी खाना दतिया मप्र फोन ९४७९५७०८९६
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Book Summary
रचना के आत्म और उसके रूप से सही परिचय के लिये उसके इष्ट और प्रयोजन के सम्बन्ध में लेखक का वक्तव्य सर्वाधिक प्रामाणिक माना जा सकता है। यद्यपि लेखक की संवेदना और पाठक की आस्वादन क्षमता के कारण कृति का मर्म पाठक तक वक्तव्य के बिना भी पहुँच सकता है परन्तु कभी कभी कुुछ निहितार्थ निहित ही रह जाने की संभावना भी हो सकती है, तब लेखक का निर्देशन हमें दिशा दिखाता हैै। इ