सुनील चतुर्वेदी लिखित उपन्यास गाफिल अस्पताल में कोमा में पडे एक ऐसे मरीज की कहानी है जो अवचेतन मन से अपनी गुजरी जिंदगी से गुजरता है और उसका आकलन करता है। इस महत्वपूर्ण उपन्यास पर लब्धप्रतिष्ठ साहित्यकारों ने चर्चा करते हुए क्या कहा पढिये इस रिपोर्ट में।