विनोद पाराशर - (12 August 2020)नरेंद्र कोहली जैसे वरिष्ठ व चर्चित साहित्यकार के 700 पृष्ठों के भारी भरकम उपन्यास अभ्युदय-1 की समीक्षा करना, बहुत ही दुष्कर व श्रमसाध्य कार्य है।भाई राजीव तनेजा ने यह कार्य पूरे श्रम व लगन से किया है। कोहली जी व राजीव दिनों को बधाई!💐