राज ऋषि शर्मा हिंदी, डोगरी और अंग्रेजी भाषाओं के बहुमुखी प्रतिभाशाली लेखक, पत्रकार और चित्रकार हैं। उन्होंने अब तक विभिन्न विधाओं में 29 पुस्तकें लिखी हैं, जिन्हें पाठकों ने खूब सराहा है। वे मुख्य रूप से हिंदी में लिखते हैं। उनकी कई रचनाएं विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं और संग्रहों में...More
राज ऋषि शर्मा हिंदी, डोगरी और अंग्रेजी भाषाओं के बहुमुखी प्रतिभाशाली लेखक, पत्रकार और चित्रकार हैं। उन्होंने अब तक विभिन्न विधाओं में 29 पुस्तकें लिखी हैं, जिन्हें पाठकों ने खूब सराहा है। वे मुख्य रूप से हिंदी में लिखते हैं। उनकी कई रचनाएं विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं और संग्रहों में प्रकाशित हुई हैं और आकाशवाणी पर भी प्रसारित की गई हैं।
1975 में उन्होंने 'महक' और 2022 में 'महकती वाटिका' नामक पत्रिकाओं का संपादन और प्रकाशन किया। 1977 में उन्होंने 'राजर्षि कल्चर क्लब' का भी संचालन किया। वर्तमान में, वे 'महकती वाटिका' नामक काव्य संग्रहों की श्रृंखला का संपादन और प्रकाशन कर रहे हैं।
राज ऋषि शर्मा को 'साहित्यालंकार' और 'साहित्य श्री' जैसे प्रतिष्ठित सम्मानों से सम्मानित किया जा चुका है।
Book Summary
स्वर्ग का मार्ग निश्चित रूप से ही एक ऎसी रचना है, जिसे स्वर्ग का मार्ग कहना अतिश्योक्ति नहीं होगी। इस पुस्तक के माध्यम से उन बातों के प्रति विचार विमर्श एवं विश्लेषण किया गया है, जिनसे कि इसके मार्ग का पता चल सके और जो कठिन भी नहीं है। वास्तव में स्वर्ग का मार्ग की अवधारणा मुख्य रूप से महाभारत काल की एक कथा से उत्पन्न होती है। इस कथा के अनुसार, श्रीकृष्ण ने अपने भक्त युधिष्ठर को स्वर्ग जाने के लिए एक सीढ़ी प्रदान की थी, बल्कि स्वर्ग का मार्ग तक पहुँचने का उन्हें मार्गबताया था, जिससे कि स्वर्ग के द्वार तक जाया जा सकता था।
स्वर्ग का मार्ग का आधार एक धार्मिक कथा है। इसे हिन्दू धर्म में महत्त्वपूर्ण माना जाता है और यह कथा धार्मिक महाकाव्यों, पुराणों और वेदों में भी वर्णित है। स्वर्ग का मार्ग की कहानी के अनुसार, यह एक ऐसा मार्ग है, जो मनुष्य को मृत्यु के पश्चात भगवान और अनन्त प्रसन्नता की प्राप्ति और मोक्ष की ओर ले जाता है। किन्तु सामयिक दृष्टि से इसे एक प्रेरणात्मक कथन एवं उदाहरण के रूप में भी लिया जा सकता है।