रमेश कुमार संतोष - (21 June 2022)रोशनी शिक्षा में ही है और शिक्षा के लिए स्कूल आवश्यक है थोड़ी सी मेहनत रचना ओर मांगती है शुभ कामनाएं
00
અમિષા પ્રણવ શાહ - (27 June 2020)अच्छी कहानी है पर माफ किजिएगा, मुजे कॉन्सेप्ट क्लीयर नही हुआ। स्कूलसे उजाला समझ आया, लेकिन नायिका का अंधेरा समझ नही आया। 🙏
बरसों गुजार दिए उसने उस उजाले की आस में खुद के मन को मारते तन को बाँटते हर बार खुद को दिलासा दिया कि बस जल्दी ही वह उजाले को पा लेगी फिर घर वापस लौट जाएगी।