कुमार धनंजय suman - (03 November 2022)रचना-शीर्षक एक यक्ष प्रश्न है । नदी को स्त्री रुप में जिस प्रकार से प्रस्तुत किया गया वह अकल्पनिय है । नदी में निरंतरता है , नदी में बहाव है , नदी में ठहराव का नाम हीं नही है । स्त्री बिल्कुल नदी है जिसमें ठहराव की प्यास है जो जीवंत बनी रहती है । बेहतरीन रचना । बहुत-बहुत शुभकामनाएँ ...