जब आकाश को अटारी में एक पुराना रेडियो मिलता है, तो वह केवल गाने नहीं, बल्कि मीरा और बसंत की 50 साल पुरानी, अधूरी प्रेम कहानी की फुसफुसाहटें सुनता है।
रेडियो दो रहस्यों को उजागर करता है: एक 'ग़लती' और एक 'ख़ज़ाना'। आकाश को पता चलता है कि यह ग़लती बेवफ़ाई नहीं, बल्कि त्याग था—मीरा ने बसंत के करियर के लिए ख़ुद को दूर कर लिया था।
अब आकाश के पास वह अंगूठी ('ख़ज़ाना') और अनखोला ख़त है। क्या वह मीरा को ढूँढ़कर, उनके बरसों पुराने ग़लतफ़हमी भरे प्यार को पूरा कर पाएगा?
एक रेडियो जो अतीत के रहस्य खोलता है और एक भटकते हुए इंसान को उसकी अपनी राह दिखाता है