कथाकार, कवि एवं अनुवादक। पिछले 40 वर्षों से हिन्दी में मौलिक लेखन के साथ साथ पंजाबी -हिन्दी अनुवाद कर्म से सम्बद्ध। हिन्दी में छह कहानी संग्रह 'दैत्य तथा अन्य कहानियां', 'औरत होने का गुनाह', 'आखिरी पड़ाव का दुख', 'लड़कियों वाला घर', 'रंग बदलता मौसम', 'ग़ौरतलब कहानियां'। एक कहानी संग्रह पंजाबी में भी...More
कथाकार, कवि एवं अनुवादक। पिछले 40 वर्षों से हिन्दी में मौलिक लेखन के साथ साथ पंजाबी -हिन्दी अनुवाद कर्म से सम्बद्ध। हिन्दी में छह कहानी संग्रह 'दैत्य तथा अन्य कहानियां', 'औरत होने का गुनाह', 'आखिरी पड़ाव का दुख', 'लड़कियों वाला घर', 'रंग बदलता मौसम', 'ग़ौरतलब कहानियां'। एक कहानी संग्रह पंजाबी में भी 'सुभाष नीरव दीआं चौंनवियाँ कहानियां'। तीन लघुकथा संग्रह 'कथाबिन्दु', 'सफर में आदमी', और 'बारिश तथा अन्य लघुकथाएं'। तीन कविता संग्रह। दो बाल कहानी संग्रह। पांच सम्पादित हिन्दी कहानी संकलन। इसके अतिरिक्त पंजाबी से हिन्दी मे 60 पुस्तकों का अनुवाद। कुछ पत्रिकाओं के पंजाबी विशेषांकों का अतिथि संपादन और अनुवाद। एक बाल कहानी, दो लघुकथाएं तथा दो कहानियां प्राइमरी और स्नातक स्तर के पाठ्यक्रमों में शामिल। कई कहानियों, लघुकथाओं का अन्य भारतीय भाषाओं में अनुवाद।
अनुवाद के लिए भारतीय अनुवाद परिषद का डॉ. गार्गी गुप्ता द्विवागीश पुस्कार', माता शरबती देवी सम्मान, मंच पुरस्कार, 'रंग बदलता मौसम' पर राजस्थान पत्रिका का सृजनात्मक साहित्य पुरस्कार'।
Book Summary
एक गरीब परिवार की बेटी थी ऋचा। पढ़ने-लिखने में होशियार। चित्रकला में उसकी विशेष रुचि थी। वह प्रायः कुछ न कुछ चित्रकारी करती रहती।
एक दिन अखबार में उसने एक चित्र देखा जिसे कक्षा पाँच के एक छात्र ने बनाया था। उसका मन हुआ कि वह भी एक सुन्दर-सा चित्र बनाकर अखबार में भेजे। उसने अपनी माँ से बात की। माँ ने उसे प्रोत्साहित करते हुए कहा, “तुम भी अखबार में अपना बनाया चित्र भेज सकती हो। तुम्हारी तो ड्राइंग भी अच्छी है। अगर उन्हें तुम्हारा चित्र पसंद आ गया तो अवश्य छापेंगे।“