रश्मि पाठक - (16 September 2020)एक बार नहीं, दो बार कहानी पढ़ी. हमारे बीच में ऐसे रुग्ण मानसिकता वाले लोग होते हैं, हम जान नहीं पाते या जानकर भी चुप रह जाते हैं. कहानी की सत्यता रोंगटे खड़ी करती है.
इन दिनों बच्चों के यौन शोषण की घटनाएँ काफ़ी प्रकाश में आ रही हैं, कुछ शैतानों को बच्चों का नर्म माँस लुभाता हैं. यह अत्यंत जघन्य अपराध है मुश्किल यह है कि इन शैतानों के सींग सर पर नहीं बल्कि पेट में होते हैं इसलिए हमने सहसा दिखाई नहीं पड़ते. इस विकराल समस्या को उजागर करती एक कहानी है ‘शैतान के सींग’. इस कहानी को एक नए पैटर्न में लिखा गया है जिसके तहत इसे कई उपशीर्षकों में बाँट कर पूरा किया गया है ताकि कहानी के हर हिस्से पर प्रकाश डाला जा सके और कथन की लम्बाई पाठक आसानी से पार कर जाए.
• निर्मला भुराड़िया