आखिरी दूध
ना स्तनों से दूध आना बंद हो रहा था और ना ही बालक की उम्मीद खत्म हो रही थी।
मां के जिस्म में जान बिल्कुल न थी लेकिन दूध का लगातार रिसना जारी था,
प्राण कब के निकल चुके थे लेकिन बच्चे की खुराक बाकी थी। बच्चे ने मां के स्तनों से रिसती आखिरी बूँदों से अपना पेट भरा और आसमान में देखने लगा। मां का मृत देह ज़मीन पर पड़ा था, अपनी छाती और बाहों में बच्चे को जकड़ा हुआ था। मां खुद भूख से मर चुकी थी लेकिन अपने जिगर के टुकड़े को आखिरी वक्त तक भूख का एहसास नहीं होने दिया...