परिचय
साहित्य की विभिन्न विद्याओं जैसे - व्यंग्य -लघुकथा - कहानी - उपन्यास आदि में लिखने वाली चेतना भाटी की अब तक 12 कृतियाँ प्रकाशित हो चुकी हैं।
बी. एस-सी. एम. ए. एल-एल. बी. तक शिक्षित , विभिन्न स्थानीय और म.प्र. लेखक संघ भोपाल द्वारा काशीबाई मेहता सम्मान द्वारा सम्मनित ,
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परिचय
साहित्य की विभिन्न विद्याओं जैसे - व्यंग्य -लघुकथा - कहानी - उपन्यास आदि में लिखने वाली चेतना भाटी की अब तक 12 कृतियाँ प्रकाशित हो चुकी हैं।
बी. एस-सी. एम. ए. एल-एल. बी. तक शिक्षित , विभिन्न स्थानीय और म.प्र. लेखक संघ भोपाल द्वारा काशीबाई मेहता सम्मान द्वारा सम्मनित ,
विश्व फोटोग्राफी दिवस 2018 व 19 पर पुरस्कृत फोटो , शुभ संकल्प समूह द्वारा
विश्वविद्यालयिन पाठ्यक्रम में शामिल लघुकथा तथा व्यक्तित्व - कृतित्व पर लघुशोध सहित कथा - कहानी पर पी - एच. डी. शोध प्रबंध में शामिल उनकी रचनाओं का पंजाबी-मराठी में अनुवाद तथा आकाशवाणी इंदौर पर प्रसारण व नव - साक्षरों के लिए भी लेखन करती रही हैं। इंदौर लेखिका संघ , इंदौर की अध्यक्ष रहीं । निदेशक , चेतना साहित्य अकादमी ।
फोटोग्राफी मेरा शौक है । यानी दो तरह से लिखती हूँ - कलम व कैमरे से । क्योकि मैं मानती हूँ कि प्रत्येक फोटो एक सम्पूर्ण कहानी होता है ।
Book Summary
आज के समाज में बुजुर्गों की हालत उनका अकेलापन ,दुख - निराशा वहैरह के बारे में बताती कहानी है यह । बूढ़े लोग जो अकेले हैं , वह तो अकेले हैं ही । जो साथ में है वह भी अकेले ही हैं । बच्चे आजकल अपने में मगन रहते हैं और माता - पिता इधर अकेले रह जाते हैं । या कई बार बच्चे साथ में भी होते हैं तब भी उन्हें घर में अकेला छोड़ दिया जाता है । घर - परिवार में उनका कोई विशेष महत्व , दखल नहीं होता । उनकी ऐसी ही हालत और बदलते जमाने को समझने , समझाने की कोशिश करती कहानी है यह ।
वे क्या और कैसे सहते है ?
किस तरह रहते हैं ?
कैसे - निबाहते हैं ?
कौन - कौन से समझौते करने पड़ते हैं उन्हें ?
इन्ही या ऐसे ही कुछ सवालों के जवाब खोजने की कोशिश करती कहानी ।