Meera Parihar - (21 July 2024)सच में वाकिंग करने वाले न खुद चैन से सोते हैं न दूसरों को। बढ़िया लिखा है आपने
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Sanjay Kaushik - (21 July 2024)हास्य की प्रचुर सम्भावना से युक्त कथानक को ह्रदय की टीस में सहज ही परिवर्तित कर दिया । ऐसा अत्यधिक भावुक रचनाकारों के साथ सम्भव है जो लिखते समय कलम पर नियंत्रण खो बैठते हैं ।