शॉपिज़न हास्यकथा प्रतियोगिता Story Winner - 4


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पत्नियों के मारे,पति बेचारे

पत्नियों के मारे,पति बेचारे


डा संगीता अग्रवाल डा संगीता अग्रवाल
Humor
Meera Parihar - (21 July 2024) 5
सच में वाकिंग करने वाले न खुद चैन से सोते हैं न दूसरों को। बढ़िया लिखा है आपने

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Sanjay Kaushik - (21 July 2024) 2
हास्य की प्रचुर सम्भावना से युक्त कथानक को ह्रदय की टीस में सहज ही परिवर्तित कर दिया । ऐसा अत्यधिक भावुक रचनाकारों के साथ सम्भव है जो लिखते समय कलम पर नियंत्रण खो बैठते हैं ।

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सीमा प्रियदर्शिनी सहाय - (18 July 2024) 5
बहुत ही अच्छी कहानी

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ऋजुता देशमुख - (17 July 2024) 5
बहुत बढ़िया।😁👍

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Suresh Chaudhary - (16 July 2024) 5
अति सुन्दर

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रचना नौडियाल - (16 July 2024) 5
बहुत खूब 💐💐💐

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मैंने अंग्रेजी साहित्य में पढ़ाई कर,शौकिया हिंदी में लेखन कार्य करना आरंभ किया और अब ये जुनून बन चुका है।गीत,संगीत में भी मेरी रुचि है।

Publish Date : 16 Jul 2024

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