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घूँघट की आड़ में

घूँघट की आड़ में


PURNIMA JOSHI PURNIMA JOSHI
Humor
Sanjay Kaushik - (17 July 2024) 1
शव के सीने पर गिरी चप्पल और उससे उपजा हास्य! पृष्ठभूमि की उपयुक्तता संदिग्ध लगी । ऐसी परिस्थिति में हास्य की कल्पना मात्र से अपराध बोध सा होता है ।

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सहायक प्राध्यापिका इल्वा काॅलेज इन्दौर में हूँ । कविता, कहानी,लेख,संस्मरण, शोध पत्र लिखती हूँ,।समाजशास्त्र, अर्थशास्त्र, हिन्दी साहित्य, संस्कृत व ज्योतिष में एम.ए.हूँ, एम.एड.,एम.फिल .किया है,हिन्दी भाषा विज्ञान में पीएच डी है।20साल बैंक में काम किया है।स्वतंत्रता संग्राम सेनानी परिवार...More

Publish Date : 17 Jul 2024

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