चीखती खामोशी

चीखती खामोशी


अनिल  पारे अनिल पारे

Summary

खामोशी कहा खामोश  रहती है लफ्जो से ज्यादा खामोशी कहती है सूनलो इस खामोशी की चीख को 'ये खामोशी' हर पल मातम मनाती है...
Story collection

अनिल शामराव पारे एजुकेशन:एम. ए.,एम. फील. इन इंग्लिश पेशा:अध्यापक, प्रशिक्षक, लेखक अकादमी: स्पीच मास्टर अकादमी मेरी किताबे: 'यशपर्व' (प्रकाशित 2010) 'आठवणीच्या धुक्यात'

Publish Date : 06 Jul 2020

Reading Time :

Chapter : 32


₹20.00


Reviews : 9

People read : 67

Purchases (ebook) : 5

Added to wish list : 7