कवि का रूप कला का दर्पण

कवि का रूप कला का दर्पण


डॉक्टर कवि कुमार निर्मल डॉक्टर कवि कुमार निर्मल

Summary

जीवन पथ है कंटकाजिर्ण, संघर्ष कर विजय वरें। रोटी खातिर श्रम करते, कुछ परहित- सुकर्म करें।। जीवन की अंतिम परीक्षा का तनिक चिंतन...More
Poem Poetry collection
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लगभग एक दशक से हिंदी कविता सृजन हेतु समर्पित। १९७८ ई. में एम. बी. बी. एस. (फिजिशियन) पुर्ण कर ४० साल ग्रामिण रोगियों की बिहार, झारखण्ड, पश्चिम बंगाल और राजस्थान में ४२ साल से सरकारी/एन. जी. ओ. (एमर्ट/देव पारा मेडिकल संस्थान- मुख्य संरक्षक) स्वास्थ्य सेवा व शिक्षा। पिता कीर्तशेष श्री विमल...More

Publish Date : 22 Nov 2022

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Chapter : 9


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Pages : 71

ISBN : 9789356003613

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