मजबूरी और हालातों के चलते इंसान उस काम को भी करने के लिए तैयार हो जाता है जिस काम को करने का सपने में भी नहीं सोच सकता ! यह कहानी है एक सीधे-साधे नौजवान युवक सूरज की जिसके कुछ सपने हैं, जैसे कि अपने पिता पर चढ़े
कर्ज को उतारना, अपनी बचपन की दोस्त रानी से विवाह करना, अपने गांव की आर्थिक खुशहाली के लिए कुछ बड़ा काम करना , ऐसे अनेक सपने लिए सूरज नौकरी की तलाश में महानगर मुंबई जा पहुंचता है, पर वहां पहुंचने के बाद भी सूरज का बुरा दौर खत्म नहीं होता, बल्कि उसके हालात इतने बिगड़ जाते हैं की उसे अपनी जिस्म का सौदा तक करना पड़ जाता है,,
पैसों की खातिर एक समझौते के चलते सूरज बिगड़ी हुई अमीर और रईसजादी महिलाओं का खिलौना बन कर रह जाता है