मेरे सफर में हमसफ़र कोई और नहीं वो तू है
मेरे दर्द में हमदर्द कोई और नहीं वो तू है
मेरे हमनवा मेरे हमदम कोई और नहीं वो तू है
बारिश की हर बूंदे गवाह हैं तेरे मेरे प्यार की
जहाँ भीगकर खाई है कसमें हमने साथ जीने की
हर रस्में निभाया है संग तूने मुझसे प्यार में
जो तू नहीं तो कुछ भी नहीं है मेरे लिए
तेरे बिन मैं क्या हूँ कुछ भी नहीं
दुनिया से मुझे क्या लेना है या दुनिया की रस्मों से क्या है मेरा वास्ता
मेरे लिए तो सिर्फ तू मेरी दुनिया है मेरा जहाँ है बसता तुझमें