मैं तूलिका' मेरा प्रथम काव्य संग्रह है, जो मेरे प्रयासो से अधिक, मेरे अजीज दोस्तों के प्रयासो से आपके हाथों तक पहुँचने में सक्षम हुआ है। उम्मीद है आपको पसंद आयेगा।
इस काव्य संग्रह में मैंने मेरे आस-पास घटित जीवन के भिन्न भिन्न रंगो से, भावो से जुड़ी घटनाओं को शब्दों में पिरोने का प्रयास किया है, जहाँ आपको प्रेम, विरह, वेदना, व्यथा, खुशी, दुःख, आदर, संवेदना, क्रोध, विश्वास, शरारत, जोश जैसे लगभग सभी भावो से सराबोर रचनाएँ पढ़ने को मिलेंगी।
आज के समय में प्रेम की महती जरूरत है। प्रेम व्यक्ति में , जीवन के प्रति उमंग के भाव उत्पन्न करता है, मेरी भी कई रचनाएँ प्रेम को समर्पित हैं, परंतु कविमन को सम सामयिक घटनाएं विचलित ना करें, ऐसा संभव नहीं, इसलिए काव्य संग्रह की कुछ कविताएँ जैसे 'कोरोना', 'नन्ही पीड़िता' ऐसी घटनाओ से मेरे जेहन में ,जन्मी कविताएँ हैं।