दुनिया की नजर में लेखक सिर्फ एक कलम की करामात है।
जिसे किसी की अंतरात्मा से प्रेरणा मिलती है, अपनी जिंदगी के सफर में अनुभव किए वाक्यों से दरअसल ये एक समूह उन विचारों का जो तुम्हें ले चलते हैं उस यात्रा पर जहां का रास्ता भी तुम हो और मंजिल भी।
जिसका अर्थ है कि ये विचार तुम्हें तुम तक ही ले जाता है, तुम से हो कर।
लेखन एक आईना है तुम्हारी परछाई का, जो तुम्हें सफेद जूठ नहीं दिखाती, उस आईने में तुम वैसे कभी नहीं दिखोगे जैसे लोग तुम्हे देखते हैं, या देखना चाहते हैं। उसमें सिर्फ और सिर्फ दिखेगी निर्मलता, जिसकी मात्रा तुम्हारे स्वभाव के अधीन है।