भारत विभिन्न धर्मों के साथ अनेकता में एकता का देश रहा है। त्योहार चाहे किसी भी धर्म का हो, सभी धर्म और जाति के लोग इन्हें मिलजुलकर मनाते हैं। सभी लोग आपसी भेदभाव को भुलाकर इन त्योहारों का एक साथ आनंद लेते हैं। लोग उसी धर्म और संस्कृति के रंग में रंगकर उस त्योहार को बड़े ही उत्साह और आनंद के साथ मनाते हैं जिसमें आपसी प्यार और सद्भाव की भावना देखने को मिलती है।
"दिव्यालय-एक साहित्यिक यात्रा" पटल न सिर्फ छंद का प्रचार-प्रसार करता है बल्कि समाज को भारत की संस्कृति से भी रू-ब-रू भी करवाता है। विभिन्न छंदों के संग, हर बार कुछ खास विषय, कुछ खास छंदों के साथ हमारी पुस्तक प्रकाशित होती है जिसमें साहित्यकारों की तत्परता और लगन की प्रशंसा स्वतः संपादकीय कलम से निकल ही पड़ती है।