मेरी प्रथम काव्य संग्रह "कुछ भीगे अल्फाजों में" के पश्चात हम अपनी प्रथम उपन्यास "आकांक्षी" आप सभी के समक्ष लेकर आए हैं। आशा करते हैं कि पिछली बार की तरह इस बार भी हमे और हमारी छोटी सी लेखनी को आपका स्नेह और आशीर्वाद प्राप्त होगा।
आकांक्षी की कहानी एक काल्पनिक कथा है और इसका किसी व्यक्ति विशेष से कोई ताल्लुक नही है। किंतु इस कथा को वास्तविक जीवन के अनुसार ही हमने पिरोया है। हर पात्र को समय और हालात के अनुसार इसमें उन हालात में ढलना बताया है।