इंतज़ार! बेहद प्यारा शब्द और भाव। मगर करने में उतना ही मुश्किल और दर्द से भरा! इंतज़ार चाहे किसी का भी लेकिन हर इंतज़ार में दर्द के साथ सुकून का एहसास जुड़ा रहता है।
किसी को अपने प्रिय मौसम का इंतज़ार तो किसी को अपने प्रियतम का! कोई अपने प्रेमी से बिछड़कर उसके वापिस आने के इंतज़ार में आज भी खड़ा है। इंतज़ार किसी में जीने का उत्साह भर रहा है तो कोई निराश होकर भी बरबस इंतजार करता हुआ मिल जाता है।
किसी को किसी लौट आने का इंतज़ार तो किसी को किसी से अपने दिल की बात सुनाने का इंतज़ार! जीवन भर हम सब किसी न किसी चीज का इंतजार करते रह जाते हैं। यही वह कारक है जो मन में प्रेम और नवचेतना के उन भावों को कठिन से कठिन क्षणों में मुस्कुराने की, फिर से साहस करने की ऊर्जा प्रदान करता है।