आप सभी वाचक वर्ग और रसिक लोगों को मेरा प्यार भरा नमस्कार! मैं शॉपिजन समूह का तहे दिल से धन्यवाद अदा करता हूँ, जिनके कारण ही यह पुस्तक प्रकाशन संभव हुआl
प्रगति दाभोळकर जी और सूरज शुक्ला जी का आभार प्रकट करता हूँ, जिन्होने पुस्तक प्रकाशन में अपना सहयोग दिया।
ये पुस्तक जीवन के अनेक पहलुओं पर आधारित है। मैंने एक कोशिश की है कि उन पहलुओं को कविता के रूप में पेश कर सकूँ। जीवन के हजारों नाम हैं, हजारो रंग रूप हैं। जीवन सुख-दुःख का दर्पण है। हम चाहे कितना भी रूठ जायें या मौन धरें, लेकिन जीवन हमें एक अवसर जरूर देता है। अवसर इसलिये कि हम अपनी गलती सुधारें और मानें। जिससे दूरियाँ मिट जायेंगी और नाता मजबूत होता जायेगा। मेरा यही प्रयास है कि आपको यह रचनाएँ उम्मीद दें और आशा प्रदान करें।