मैंने अंग्रेजी साहित्य में पढ़ाई कर,शौकिया हिंदी में लेखन कार्य करना आरंभ किया और अब ये जुनून बन चुका है।गीत,संगीत
में भी मेरी रुचि है।
Book Summary
नारी के जीवन में मातृत्व उसको सम्पूर्णता दिलाता है,एक स्त्री अगर मां न बन सके तो वो अधूरी मानी जाती है,लेकिन उस स्त्री का क्या जो किसी तरह मां बनकर भी अपनी औलाद से अलग कर दी जाए? अपने सगे संबंधियों और निर्मम समाज की दुश्वारियों का शिकार हुई एक असहाय मां कैसे अपने भाग्य से भी रार ठान बैठती है और न केवल अपना" सूना आंचल"भरती है बल्कि समाज के अन्य दुर्बल,पिछड़े लोगों को भी न्याय दिलवाने में सहायक होती है।आइए पढ़ते हैं इस रोचक,मर्मस्पर्शी उपन्यास"सूना आंचल"में जिसकी हर पंक्ति आपको झकझोर देगी,हर भाग अगले तक पहुंचने के लिए दिल को व्याकुल कर देगा।