'मुश्किल नहीं है कुछ भी अगर ठान लीजिये...!'
प्रेम में रची गयी दुनिया की सबसे सुंदर पंक्ति लगती है ये शायद।
सचमुच मोहब्बत ही तो देती है वो जज़्बा कि हम खड़े हो उठते हैं पूरी हिम्मत से हर मुश्किल, हर तकलीफ़ के सामने और बिना डरे उसका सामना करते हैं।
प्रेम, जिसे किसी दायरे में नहीं बाँधा जा सकता लेकिन सिर्फ प्रेम में ही इतनी क्षमता है कि वो दो अजनबी आत्माओं को ऐसे मजबूत बंधन में बाँध देता है कि फिर उनकी साँसों की डोर टूटने के बाद भी उनके प्रेम का सफ़र इस दुनिया से परे उस दूसरी दुनिया में भी अनवरत चलता ही रहता है।
प्रेम हर रूप में हमारी ताकत ही बनता है, और सदैव हमारा मार्ग प्रशस्त करता है।
जो हमें रास्ते से भटका दे, हमारे रिश्तों से हमारा रिश्ता तोड़ दे, वो प्रेम नहीं हो सकता, कतई नहीं।
वो प्रेम जो यूँ तो हर परिभाषाओं से परे है, फिर भी उसे हम सब रचनाकारों ने अपनी कलम के माध्यम से अलग-अलग रूपों में परिभाषित करने का एक छोटा सा प्रयास भर किया है।
आप आदरणीय पाठकों के सामने प्रेम कहानियों का ये संकलन रखते हुए हम बस आपसे ये कहना चाहते हैं कि....
थे अभी कुछ देर पहले
जो पन्ने कोरे और सफेद,
शब्दों का लेकर मनमोहक रूप
बिखर गयें हैं अब उस पर
चाहतों के रंग अनेक!
अब इन पन्नों को प्रतीक्षा है आपकी अमूल्य समीक्षाओं और सुझावों की जिनका ध्यान रखते हुए हम आगे भी आपके लिए ऐसी ही खूबसूरत और सहेजने लायक पुस्तकें लेकर आते रहें।