राम नवमी
नमस्ते मित्रों,
रामनवमी हिंदू लोगों के प्रमुख त्यौहार में से एक है । चैत्र महीने की शुक्ल पक्ष की नवमी तिथी के दिन दोपहर 12 बजे अयोध्या के राजा दशरथ के यहां प्रभु श्रीराम का जन्म हुआ । प्रभु श्रीराम भगवान विष्णु के सातवें अवतार हैं । इस दिन हर साल सभी जगहां पर मंदिरों व घरों में श्रीराम प्रभु का जन्मोत्सव मनाया जाता है। धार्मिक कार्यक्रम आयोजित होते हैं। प्रभु की मनमोहक मूर्तियों की विशेश साज-सज्जा की जाती है । विशेष प्रसाद बनाकर महाआरती कर बांटा जाता है । प्रभु श्रीराम के साथ लक्ष्मण जी, सीता माता व हनुमान जी का भी विशेष साज श्रृंगार कर पूजन किया जाता है ।
प्रभु श्रीराम ने अपने जीवन में ऐसे कार्य किये हैं जिससे लोग उन्हें भगवान के रूप में देखते हैं । उन्होंने शबरी के झूठे बेर खाये । हनुमान जी को अपनी संपूर्ण भक्ति दी । जटायु पक्षी को पितृ तुल्य मान देकर उसका दाह संस्कार किया । अहिल्या का उद्धार किया । रावण का संहार किया । नाविक केवट का कल्याण किया । इनके बारे में जानने के लिये अनेक ग्रंथ है। जैसे - वाल्मिकी जी की रामायण, तुलसीदास की रामचरितमानस, कबीर के दोहे, श्रीराम रक्षा स्त्रोत, गीत रामायाण इत्यादि ।
प्रभु श्रीराम का जीवन आदर्श था । उन्होंने हमेशा मर्यादा का पालन किया । उनकी हर लीला में एक संदेश होता था । अपने भाइयों से आदर्श व्यवहार किया पहले भाईयों का हित देखा । गुरूकुल में सामान्य बालक की तरह साहसी शिक्षा ग्रहण की । उनको एक वचनी, एक पत्नी व मर्यादा पुरूषोत्तम कहा जाता है । वे कर्तव्य निष्ठ राजा थे । अयोध्या के अलावा नासिक में काला राम मंदिर, गोरा राम मंदिर पुराण कालीन है । तुलसीबाग पुणे का राम मंदिर पेशवा कालीन है । कलयुग में प्रभु श्रीराम का नाम सभी कष्टों से मुक्ति पाने का एक साधन है मनुष्य कर्म बंधन से मुक्त होकर भव सागर से तर जाता है इसलिये एक नाम राम नाम ।
‘‘चैत्र मास त्यात शुध्द नवमी ही तिथी
गंधयुक्त तरी ही वात उष्ण हे किती,
दोन प्रहरी का गं शिरी सूर्य थांबला,
राम जन्मला गं सखे राम जन्मला’’
‘‘भये प्रगट कृपाला दीन दयाला’’
अच्छा मित्रों, अगले हफ्ते फिर मिलेंगें, किसी नए विषय के साथ। जय श्री राम।
स्वस्थ रहिए, मस्त रहिये, मुस्कुराते रहिए। धन्यवाद?
- जयश्री गोविन्द बेलापुरकर, हरदा