• 12 April 2023

    कविता

    गम और खुशियाँ

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    गम और खुशियाँ

    12 Apr 2023


    गम और खुशियां,
    जीवन के दो पहलू!
    एक के बिना दूजे का,
    नहीं कोई अस्तित्व!
    एक जब आता है,
    तब दूजा चला जाता है!
    दोनों साथ - साथ,
    कभी नहीं आते है,
    सुख सबको भाता है!
    किंतु दुःख में व्यक्ति,
    विचलित हो जाता है!
    दोनों का मोल,
    है अलग-अलग!
    सुख की सब,
    कामना करते हैं!
    किंतु दुःख को,
    कोई भी नहीं गले,
    लगाना चाहता है!
    जहां गम में लोग,
    मातम मनाते हैं!
    वहीं खुशियों के,
    घर आने पर लोग,
    घर में रंगोली और,
    बंदनवार सजाते हैं!
    लेकिन फिर भी,
    गम और खुशियों का,
    चोली दामन का नाता है!
    जिसने गम को सहा हो,
    वही खुशियों की कीमत,
    को समझ पाता है!


    स्वरचित
    अनिला द्विवेदी तिवारी




    अनिला तिवारी


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आस्था सिंघल - (04 May 2023) 5
बहुत बढ़िया प्रस्तुति 👍

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दिवा शंकर सारस्वत - (16 April 2023) 5
बहुत सुंदर प्रस्तुति

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डा संगीता अग्रवाल - (12 April 2023) 5
सुंदर और सार्थक पंक्तियां👍🙏

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