• 08 May 2024

    योग -प्रणायाम

    आत्म जागरूकता का प्रभावी हथियार

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    अतुल्या-टाॅक्स..

    योग आसन जो हमारी आत्म-जागरूकता यानी सेल्फ अवेयरनैस, आपसी प्रेम और एक बहुत जरूरी फैक्टर यानी शरीर के प्रति कृतज्ञता को बेहतर बनाने में मदद करेंगे ही करेंगे.. मेरे पूर्व के योग सम्बन्धी आलेखों में भी सदैव ये कहना रहा है कि योग स्वस्थ व्यक्ति को तो छोड़िये, विभिन्न रोगों से ग्रस्त व्यक्तियों तक को उनके शरीर के बारे में अधिक जागरूक होने में मदद करता है और इसलिए नए नए अनुभवों के लिए उनके दिमाग को खोलता है, योग जो एक प्रभावी तनाव-निवारक अभ्यास ही है, लोगों को सकारात्मक आत्म-छवि विकसित करने में मदद करने के लिए भी जाना जाता है, एक बहुत ही महत्वपूर्ण मुद्दा है.. शरीर की छवि का मुद्दा, चाहे वह वजन घटाने और व्यायाम कर शरीर को सुंदर गठीला आकर्षक बनाने का जुनून हो या किसी की दिखावट के प्रति दूसरों की नकारात्मक भावनाएं से सम्बन्धित मुद्दा हो.. हमारे मानसिक स्वास्थ्य पर भी गंभीर प्रभाव डाल सकता है, ऐसे में हमारे ही नकारात्मक विचारों का मुकाबला करना और उसके सकारात्मक पहलुओं पर ध्यान देना बेहद जरूरी है, और यदि आप उसी पर काम कर रहे हैं, तो जान लें कि योग, जो एक प्रभावी तनाव-निवारक अभ्यास है, एक सकारात्मक आत्म-छवि विकसित करने में भी मदद कर सकता है, यह आपको अपने शरीर की अद्भुत क्षमताओं की सराहना करना भी सिखाता है और बल्कि आपके अंदर क्या चल रहा है, उसकी ओर टकटकी लगाना सिखाता है.. हालांकि ये हमारा हिलना, डुलना और आसन लगाना हमारे नेगैटिव थॉट्स से अलग होने और अतिरिक्त वजन कम करने पर जोर दिए बिना आगे बढ़ने का एक तरीका बन जाता है.. यह आत्म-स्वीकृति यानी सेल्फ एक्सैप्टेन्स को बढ़ावा देने में भी मदद करता है, एक पोषण और फिटनेस जागरूक व्यक्ति ये जान सकता है कि अगर समय पर इन चीजों को नहीं अपनाया गया और निपटा नहीं गया तो बॉडी इमेज के मुद्दे गंभीर हो सकते हैं, हमारी अतिरिक्त बढ़ी टमी, मांसल भुजायें, हमारे शरीर का बेवजह का चौंड़ापन, थुलथुला अनाकर्षक फैसा हुआ सा हमारा जिस्म और उसपर या तो अँधे हुये अथवा झूलते वस्त्र, ये सब हमारी सेल्फ एस्टीम को कुचलने, खाने की बढ़ती खराब आदतों और बिगड़ते स्वास्थ्य को जन्म दे सकते हैं, तो मैं यह बहुत जिम्मेदारी से हमेशा कहता आया हूं, कि योग शरीर के प्रति आत्म जागरूकता, प्रेम और कृतज्ञता को बेहतर बनाने में हमेशा मददगार ही साबित हुआ है.. मैंने देखा है कि लोग इतनी छोटी सी बात नहीं समझना चाहते मगर जब किन्हीं दिक्कतो से गुजरते हैं तो किन्हीं मनोवैज्ञानिकों और माइंडफुलनेस टीचिंग्स की दुकाने खोले बैठे लोगों के पास भागते हैं जहां वो भी यही सब कुछ एडवाईस करते हैं कि योग ही एकमात्र वो रास्ता है जो अपने शरीर के बारे में अधिक जागरूक होने में मदद कर सकता है, और नए अनुभवों के लिए उनके दिमाग को खोलता है और एक बेहतर आकर्षक बॉडी इमेज बनाने में मदद कर सकता है.. आप आज ही से इस पर वर्कआऊट करने के बारे में कम से कम सोचना तो शुरू कीजिये, बाकी कोई हेल्प चाहेंगे, मुझ पर छोड़ दीजियेगा.. लम्बा जीयें, स्वस्थ्य जीयें..



    अतुल अग्रवाल


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