नमस्ते मित्रों,
आराधना मे आज मैं हरे रंग के बारे में आपको कुछ जानकारियां देना चाहती हूं। हरा रंग पीले व नीले रंग को मिलाकर बनता है। इसके साथ ही यह धार्मिक कार्यों, शादी विवाह में उपयोग किया जाता है। यह एक सुहागन के लिए सौभाग्य का प्रतीक होता है। इसलिए सुहागन महिलाओ को वैवाहिक कार्यक्रमो मे हरी साड़ी व हरी चूड़ी दी जाती हैं। भोजन में भी हरे रंग की सब्जियां एवं हरे रंग के फल का उपयोग करने को कहा जाता है। हरे रंग की सब्जियों व फलों में प्रोटीन, विटामिन व पोषक तत्व होते हैं, जिनसे शरीर को ऊर्जा व ताकत मिलती है। इतना ही नहीं आंखों के रोगों के लिए हरियाली प्रकृति को देखना तथा हरी घास पर चलना शीतलता प्रदान करता है। ईश्वर को भी हरे रंग की पत्तियां चढ़ाई जाती है। जैसे शंकर जी को बिल्व पत्र, विष्णु जी को तुलसी पत्र और गणेश जी को दुर्वा चढ़ाई जाती है। हरे रंग का उपयोग यातायात के सिग्नल में भी किया जाता है। हरे रंग से यातायात की शुरुआत होती है। रेलवे में भी हरे सिग्नल से यातायात की शुरुआत होती है। किसी प्रतियोगिता की शुरुआत भी हरी झंडी दिखाकर की जाती है और हां सबसे महत्वपूर्ण हमारा तिरंगा झंडा जो हमारे लिए सबसे गर्व का प्रतीक है। इस तिरंगे झंडे में भी केसरिया, सफेद व हरा रंग होता है। जिसमें हरा रंग देश की हरियाली व समृद्धि का प्रतीक है।
अच्छा दोस्तों अगले हफ़्ते फिर मिलेंगे। तब तक स्वस्थ रहिए, मस्त रहिए, मुस्कुराते रहिए। धन्यवाद
।। श्री दत्तात्रेयार्पणमस्तु ।।
जयश्री गोविंद बेलापुरकर, हरदा