• 11 July 2024

    समाजसेवा

    आराधना

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    समाजसेवा
    नमस्ते मित्रों,
    आराधना मे आज मैं आपको एक कहानी सुनाने जा रही हूं, सुकन्या जी भारतीय जलसंवर्धन पालिका भा.ज.पा. की प्रधान थी, साथ ही वह समाज सेविका भी थी। उनका कार्य सुचारू रूप से चल रहा था। पर कहते हैं ना कि सब दिन एक जैसे नहीं होते। उम्र के साथ व्यक्ति की शारीरिक क्षमता भी क्षीण होने लगती है। वैसा ही सुकन्या जी के साथ भी हुआ। वह अब शारीरिक रूप से सक्षम नहीं थी तथा पहले जैसा दौड़ भाग करके समाज सेवा करना, जिसमें भूख प्यास एवं सर्दी, गर्मी, बरसात किसी मौसम का भी ख्याल ना होना, यह सब अब उनसे नहीं हो पाता था। जिसके चलते कुछ लोग उनके कार्य में बुराइयां कमियां निकालने लगे। तब उन्होंने पालिका के सदस्यों को बुलाकर एक मीटिंग रखवाई और उसमें अपना पद छोड़ने की इच्छा जाहिर की। परंतु सभी सदस्य गण उनके इस फैसले से सहमत नहीं थे। वह उन्हें पद छोड़ने से मना कर रहे थे। सभी सदस्य गण एक स्वर में बोले कि आपके जैसा जुझारू, सत्य निष्ठ, ईमानदार प्रधान हमें कैसे मिलेगा। तब वह बोली कि आप लोग चिंता ना करें, मैं ना सही पर मेरा बेटा इस पद के लिए पूर्णतया योग्य है। अतः मेरी जगह मेरा बेटा इस कुर्सी को संभालेगा तथा उसी दिन उन्होंने अपने बेटे को एक श्रीफल देते हुए पालिका का वह पद संभालने और सुचारू रूप से कार्य करने का जिम्मा दे दिया। उनके बेटे को सब सदस्य गण जानते थे, साथ ही वह यह भी जानते थे कि उनका बेटा भी इस कार्य को अच्छी तरह निभा सकता है तथा उन्होंने भी सुकन्या जी के इस फैसले पर सहमति जताई। तब से उनका बेटा इस भारतीय जलसंवर्धन पालिका भा.ज.पा. का प्रधान बनाया गया।
    अच्छा दोस्तों अगले हफ़्ते फिर मिलेंगे। तब तक स्वस्थ रहिए, मस्त रहिए, मुस्कुराते रहिए।
    ।। श्री दत्तात्रेयायर्पणमस्तु ।।
    जयश्री गोविंद बेलापुरकर, हरदा



    जयश्री बेलापुरकर


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