• 15 July 2024

    मप्र लेखक संघ टीकमगढ़ की कविगोष्ठियों की रिपोर्ट

    mp lekhak sangh tikamgarh kavi goshthi report

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    #राना_लिधौरी की 23वीं पुस्तक ‘#अवनि’ का विमोचन हुआ-*


    *(#पावस पर हुई म.प्र.#लेखक_संघ की 313वीं #कवि_गोष्ठी हुई)-*


    #टीकमगढ़// नगर सर्वाधिक सक्रिय साहित्यिक संस्था म.प्र. लेखक संघ जिला इकाई टीकमगढ़ की 313वीं कवि गोष्ठी ‘#आकांक्षा_पब्लिक_स्कूल_टीकमगढ़’ में दिनांक-14-7-2024 को ‘पावस’ पर केन्द्रित आयोजित की गयी है।


    कवि गोष्ठी की अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार #यदुकुल नंदन खरे (बल्देवगढ़) ने की तथा


    मुख्य अतिथि के रूप में शायर हाजी #जफ़रउल्ला खां ‘ज़फ़र’(टीकमगढ़) एवं


    विशिष्ट अतिथि के रूप में साहित्यकार #भगवत_नारायण ‘रामायणी’ (#देवीनगर) व शायर #वफ़ा_शैदा साहब (टीकमगढ़) रहे।


    इस अवसर पर अतिथियों द्वारा लेखक संघ अध्यक्ष राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’ की 23वीं कृति ‘#अवनि’ (हिंदी दोहा संग्रह) का विमोचन किया गया।


    गोष्ठी की शुरूआत कवि #प्रमोद_गुप्ता ‘मृदुल’ ने सरस्वती बंदना कर यह रचना सुनायी -

    ओरछा नगरी है पावन पुनीता। विराजै है जगपालक,लखन राम सीता।।


    #रामपोपाल_रैकवार ने रचना सुनायी-

    फिर आ गए आषाढ़ के दिन आ गए।

    फिर छा गए आषाढ़ के दिन आ गए।।


    #राजीव_नामदेव_राना_लिधौरी’ ने दोहे कहे -

    वृक्षारोपण की प्रथा, होती है हर वार।

    कागज पर ही लग गए,पौधे कई हजार।।


    #गोविन्द्र_सिंह_गिदवाहा(#मडावरा)(उ.प्र.)ने पढ़ा-

    हीरा सें पर्यावरण खों सब जनै,दूषित बना रय।

    हरां-हरां पेडन खौं, गाँव शहर से मिटा रय।।


    #रामसहाय_राय(रामगढ़)ने सुनाया-

    जब तक दौलत रही,तो सगाये हुए,दौलत गई तो सब पराये हुए।


    #यदुकुल_नंदन_खरे (बल्देवगढ़) ने सुनाया- ईश्वर तो है किन्तु समझ में नहीं आता।


    शायर #वफ़ा_शैदा ने ग़ज़ल कही-दूसरों के एब आते है नज़र तुमको बहुत।

    एक दिन आईने को तुम भी उठाकर देख लो।।


    #कमलेश_सेन ने रचना पढ़ी -

    प्रकृत की छटा मनोहर मन को मेरे भाये,

    जब भी उसका दर्श निहारू मन निर्मल हो जाये।।


    #शकील_खान ने ग़ज़ल कही- जब जब भी बात आती है भारत की शान।

    परवाह हम ना करते कभी अपनी जान की।।


    #प्रभुदयाल_श्रीवास्तव ने #चौकड़िया पढ़ी- जाने का हैं राम करइँयां,पानी बरसत नइँयाँ।

    ई रित में नीके नइँ लगबें, चंदा और तरइयाँ।।


    #अनवर_खान ‘साहिल’ ने ग़ज़ल कही- मरने के बाद इसलिए आँखें खुली रखीं।

    आँखों को लौटने का तेरे इंतज़ार था।।


    डाॅ. #रूखसाना_सिद्दीकी ने संस्मरण सुनाएँ।


    गोष्ठी का संचालन प्रमोद गुप्ता ‘मृदुल’ ने किया तथा सभी का आभार प्रदर्शन सचिव रामगोपाल रैकवार ने किया।


    #रपट- #राजीव_नामदेव ‘#राना_लिधौरी’*

    अध्यक्ष म.प्र.लेखक संघ

    शिवनगर कालौनी,टीकमगढ़(म.प्र.) बुंदेलखंड,(भारत)

    मोबाइल-9893520965

    #rajeev_namdeo_rana_lidhori #आकांक्षा_पब्लिक_स्कूल_टीकमगढ़ #जय_बुंदेली_साहित्य_समूह #बुंदेली

    #बुंदेलखंड



    राजीव नामदेव राना लिधौरी


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Rajni Namdeo - (15 July 2024) 5
very nice program

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