• 05 September 2024

    बूढी दादी

    आराधना

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    नमस्ते मित्रों,
    आराधना मे आज मैं आपको एक सत्य घटना बताती हूं एक गांव में एक बूढी दादी रहती थी। वह एक दिन अपने घर में ताला लगाकर कहीं चली गई। रात में एक चोर उस घर में ताला तोड़ने की कोशिश कर रहा था। तभी उसके बगल में रहने वाली दूसरी दादी ने ताला टूटने की आवाज सुनी। तब उन्होंने आनन फानन में उस लोहे के दरवाजे में बिजली का तार चिपका दिया और फिर चिल्लाने लगी। घबराहट में चोर तो भाग गया और उनके पास रहने वाले दो व्यक्ति वहां आए पर वह चिल्लाई की दरवाजे को हाथ मत लगाना, उसमें करंट है। तब उन दोनों व्यक्तियों ने उस दादी से पूछा कि ऐसा क्यों किया। तब दादी ने कहा कि मुझे कुछ सूझा नहीं, तो मैंने उस चोर को भगाने के लिए दरवाजे में करंट छोड़ दिया। तब वे दोनों व्यक्ति बोले कि यदि कोई बचाने आता और वह भी उस करंट में चिपक जाता तो। तब दादी धीरे से मुस्कुराते हुए बोली हां यह सच है, पर मैंने यह सोचा ही नहीं। अब उन दोनों व्यक्तियों को दादी की मासूमियत पर हंसी भी आई और दादी के मुश्किल समय में लगाए गए दिमाग का आश्चर्य भी हुआ।
    अच्छा दोस्तों अगले हफ़्ते फिर मिलेंगे। तब तक स्वस्थ रहिए, मस्त रहिए, मुस्कुराते रहिए। धन्यवाद
    ।। श्री दत्तात्रेयार्पणमस्तु ।।
    जयश्री गोविंद बेलापुरकर, हरदा



    जयश्री बेलापुरकर


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