• 09 September 2024

    काव्यांजलि

    दादू को यकीं है..!

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    #दादू को यकीं है..


    'संभव' है तो, मुमकिन है..

    बढ़ती मेरी झुर्रियों को तुम चूम चूम लोगे,

    कांपते मेरे हाथों को तब तुम थाम लोगे..!

    सहमी सी मेरी आंखें तुमसे तुम्हारा वक्त जब मांगेंगी,

    थोड़ा वक्त, प्यार, थोड़ी हमदर्दी जरूर दिखा दोगे,

    मुझे सुनना, समझना, सोचना और सीखना,

    मेरे सफेद होते बालों की कहानी मेरी ज़ुबानी,

    मैं लड़खड़ाऊंगा तुम अपने किस्से सुना मुझको हंसा दोगे,

    बढ़ती उम्र की परेशानियां बयां करेंगे जब मेरे अश्रु,

    तुम तब बस मुझको अपने सीने से लगा लोगे,

    बाबा को यकीं है..

    बढ़ती मेरी झुर्रियों को तब तुम चूम लोगे,

    मेरे कांपते लरजते हाथों को तुम अवश्य थाम लोगे..!!

    -तुम्हारा दद्दू ????



    अतुल अग्रवाल


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