• 15 June 2025

    Sanjay Borude Archives

    साहित्याक्षर

    0 29

    *ऑडिट*


    पिता लाभ का

    समायोजन करने में

    असमर्थ थे,

    लेकिन फिर भी पिता

    जोड़ रहा था

    काली मिट्टी की दरारों में

    लाभ और हानि

    संबंध ।


    उन्होंने अपने खून पर तो

    बीस प्रतिशत का ह्रास लगाया, लेकिन खेत के बांध पर

    नहीं बाट लगाया ;

    चाहे वह कितना भी खुरेदे,

    माथा तो खुला ही रहता है।


    वह हरी फसल पर ब्याज लगाकर बीज से

    पूंजी निकालने का

    प्रयास करता है।

    वह हमेशा जल्दबाजी में दैनिक रिकॉर्ड लिखता है,

    लेकिन उसके व्यापारिक कागजात कभी लाभदायक नहीं होते।

    हमारी भूखों का सीडी अनुपात उसके दिमाग में फिट बैठता है, इसलिए जीवन की बैलेंस शीट भी उसमें फिट बैठती है।


    आखिरकार, उन्हें ऑडिट में आई धनराशि की सही जानकारी थी और उन्हें बिना किसी हिचकिचाहट के यह बात

    बताने की थी चोरी ।


    - सागर जाधव जोपुलकर

    - अनु . संजय बोरुडे ।



    Sahityakshar Prakashan


Your Rating
blank-star-rating
Sorry ! No Reviews found!