*हिंदी दोहे- बिषय - मित्र*
मुख पोथी पर कर रहा,#राना उन्हें प्रणाम।
बुंदेली साहित्य के,मित्र यहाँ सुखधाम।।
मित्र गिराते हैं सदा, कटुता की सब छाप।
बातें करते प्रेम से,रखें न मन में ताप।।
#राना सबका मित्र है ,रखता सुंदर माप।
रखता भी सम्बंध है,आदर की दे छाप।।
हो जाता जिस मित्र को,अक्ल अजीर्ण रोग।
तब उसके उपचार का,बनता कभी न योग।।
नहीं मित्र सब एक से,है कुछ कड़वी बात।
पहले बनते खास है,फिर दे जाते घात।।
*** दिनांक -12.8.2028
*✍️ राजीव नामदेव"राना लिधौरी"*
संपादक "आकांक्षा" पत्रिका
संपादक-'अनुश्रुति'त्रैमासिक बुंदेली ई पत्रिका
जिलाध्यक्ष म.प्र. लेखक संघ टीकमगढ़
अध्यक्ष वनमाली सृजन केन्द्र टीकमगढ़
नई चर्च के पीछे, शिवनगर कालोनी,
टीकमगढ़ (मप्र)-472001
मोबाइल- 9893520965
Email - ranalidhori@gmail.com