12*बुन्देली दोहा प्रतियोगी-239*
दिनांक -25.10.2025
संयोजक-राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
आयोजक-जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़
*प्रदत्त शब्द -भब्बड़ (अव्यवस्था)*
प्राप्त प्रविष्ठियां:-
*1*
भारी भब्बड़ देश में,मिलै कितउॅं नइॅं खाद।
अब किसान कैसौ करें, सूकत जा रव आद।।
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-भगवान सिंह लोधी "अनुरागी", हटा
*2*
भब्बड़ तो ऐसी मची, राजनीत में यार।
वोटर भूखे हैं मरत, नेतन नो हैं कार।।
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-विशाल कड़ा “मांझी”,बडोरा घाट
*3*
भब्बड़ जब जब हौत है,बनत बुरे हालात।
भूत प्रीत ऊधम करें,शिव जी की बारात।।
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- मूरत सिंह यादव दतिया
*4*
डी ए पी लैबे लगी, भौतइ लंबी लैन।
बैंचौ पैल ब्लैक में,भब्बड़ मच गइ यैन।।
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- अंजनी कुमार चतुर्वेदी निबाड़ी
*5*
लंका में भब्बड़ मची, सूके जा रय प्रान।
उलट पुलट कें बारबे, लगे बीर हनुमान।।
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-डॉ. देवदत्त द्विवेदी,बड़ामलहरा
*6*
भब्बड़ बे फैलात हैं,जिनहों परत उलात।
समजदार सब काम खां,धीरज सैं निपटात।।
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-तरुणा खरे'तनु' जबलपुर
*7*
भब्बड़ भारी ब्याव की, बिथरो सब सामान।
जो ढूंढें मिलवे नहीं, मचले हैं महमान॥
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-निरंजन कुमार तिलक 'अंकुर',जैतपुर(छतरपुर)
*8*
धरम, करम, जप साधना,भब्बड़ में नहिं होत।
नाहक भटकत भीड़ में,समय, लक्छमी खोत।।
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-प्रदीप खरे 'मंजुल' टीकमगढ़
*9*
कइ बरसन के बाद में , जुरौ हतौ शुभ जोग।
मच गइ भब्बड़ कुंभ में , मरे हजारन लोग।।
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-आशाराम वर्मा 'नादान'पृथ्वीपुर
*10*
छट पूजा पावन बड़ी,जाने हमें बिहार।
भब्बड़ पर रइ गाड़ियन,ऐई सें लाचार ।।
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-आशा रिछारिया (निवाड़ी)
*11*
लंका में भब्बड़ मची,कूँद रयै हनुमान।
जला रयै सब पूँछ से,रावन है हैरान।।
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-सुभाष सिंघई , जतारा
*12*
धग्गड़ दें रय दौदऱा, भब्बड़ चारउँ ओर।
मार काट भारी मची, हो रय नित दंदोर।।
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एस आर सरल,टीकमगढ़
*13*
भब्बड़ में गड़बड़ भई, गई पिया से फूट।
मैं इतनी घबड़ा गई, गओ पसीना छूट।।
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अमर सिंह राय, नौगांव
*14*
देखो सोशल मीडिया,को भब्बड़ आतंक।
फर्जी बातें वीडियो, बन रय बड़ें कलंक।।
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- प्रमोद मिश्रा बल्देवगढ़
*15*
मचा रहे भब्बड़़ बहुत, सभी विपक्षी आज।
व्याकुल हैं कैसे मिले, भारत का साम्राज्य ।।
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-रामसेवक पाठक, हरिकिंकर, ललितपुर
*संयोजक राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'*
आयोजक जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़
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